
नागौर। सांभर झील की धरती पर सोमवार को वेटलैंड सेलिब्रेशन वीक अर्थात आद्रभूमि उत्सव सप्ताह का शुभारंभ किया गया। राजस्थान सरकार के उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने झील परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वेटलैंड सेलिब्रेशन वीक का उद्घाटन किया।
उपमुख्य सचेतक चौधरी ने भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर इस सात दिवसीय उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान सभी को संबोधित करते हुए महेन्द्र चौधरी ने कहा कि राजस्थान में दो वेटलैंड भूमि है तथा जिनमें से एक सांभर झील हमारे विधानसभा क्षेत्र में है। सांभर झील व यहां आने वाले पक्षियों के संरक्षण व सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हमारी है। किस प्रकार हम पक्षियों व वेटलैंड भूमि को सुरक्षित रख सकते है उसके लिए यह एक सप्ताह का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे आमजन में जागरुकता आएगी।

उन्होंने आमजन से भी अपील की है वेटलैंड को सुरक्षित रखने व विदेशों से आने वाले पक्षियों का संरक्षण करने के लिए इसमें कचरा नहीं डालना चाहिए तथा पक्षी का शिकार नहीं होने दे। पक्षी त्रासदी के बाद आगे ऐसी घटना दोहराए नहीं इसके लिए काफी प्रयास कर रहे है इसीलिए यह साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। राज्य सरकार व केन्द्र सरकार की ओर से पक्षियों के जीवन बचाने के लिए काफी चर्चा की गई तथा प्रयास किए जा रहे है। सांभर झील में अतिक्रमण नहीं कर इसे सुरक्षित रखने का प्रयास करें।
वन विभाग के उप वन संरक्षक ज्ञानचन्द ने बताया कि इस साप्ताहिक कार्यक्रम का आज शुभारंभ हो गया है। 10 अक्टूबर तक आमजन को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिनमें 5 अक्टूबर को सांभर झील पर बर्ड वॉचिंग का कार्यक्रम, 6 अक्टूबर को रन फॉर वेटलैंड, 7 अक्टूबर को सांभर झील क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और इससे जुड़े कानूनी विषय पर परिचर्चा, 8 अक्टूबर को स्वैच्छिक श्रमदान, वेटलैंड मित्रों को लोगों वितरण, 9 अक्टूबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य व मशक वादन ओर 10 अक्टूबर को वेटलैंड सेलिब्रेशन वीक का समापन व पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित होंगे। सोमवार को वनविभाग व उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी व अन्य अतिथियों की ओर से सांभर झील की रामसर साइट पर आने वाले विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों में से वेटलैंड एंबेसेडर के नाम की घोषणा की गई व तस्वीर का विमोचन किया गया।
उपखण्ड अधिकारी ब्रह्मलाल जाट ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम वेटलैंड को किस माध्यम से संरक्षित रख सकेंगे उसके लिए जागरुक किया जाएगा। राजस्थान में दो वेटलैंड है एक केवला देव पक्षी अभ्यारण्य व दूसरी सांभर झील है। यह झील चौबीस हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है तथा तीन जिलों में इसकी सीमाएं लगती है। पूरे देश में अपनी पहचान रखने वाली सांभर झील को लेकर प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि इसे किस तरह संरक्षित रखा जा सके उसमें सहयोग करें। सांभर झील में पानी की आवक को रोक दिया है जिसके कारण भी झील में पानी कम हो रहा है। एक साल में लगभग पांच लाख विदेशी पक्षी यहां आते है। पक्षियों की भी सुरक्षा प्रत्येक नागरिक को करनी चाहिए।
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