
शाहिद अफरीदी ने इशारों में इमरान खान सरकार पर निशाना साधा। अफरीदी के मुताबिक, इमरान सरकार में एकता की कमी है और ये पूरा मुल्क देख रहा है। अफरीदी पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हुए थे। अब ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहाजब मैं देश के पिछड़े इलाकों में जाकर गरीबों की मदद कर रहा था, तब कुछ मंत्री और सांसद उसी इलाके में जाकर छुट्टियां मना रहे थे। पिछले साल तक अफरीदी अकसर इमरान के साथ नजर आते थे। लेकिन, अब यह सिलसिला थम चुका है। शाहिद अपने फाउंडेशन के जरिए गरीबों की मदद करते रहे हैं। शाहिद 13 जून को पॉजिटिव पाए गए थे।
सोमवार को एक इंटरव्यू में उन्होंने कोरोना समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। खुद के संक्रमित होने के सवाल पर कहा, मैं जानता था कि मैं भी संक्रमित हो सकता हूं। और यही हुआ। अब मैं बिलकुल ठीक हूं। मैंने क्वारेंटाइन नहीं किया। तीन दिन बाद कमरे से बाहर आ गया। ट्रेनिंग शुरू की। इस बीमारी में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। लेकिन, इसको सिर पर नहीं चढ़ाना चाहिए। ये भी ध्यान रहे कि लापरवाही न करें। रही बात स्मार्ट लॉकडाउन की तो यह मेरी समझ में नहीं आया। एक सवाल के जवाब में इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, कोविड-19 बहुत छोटी चीज है। यह तो चली जाएगी।
शाहिद अपने फाउंडेशन के जरिए गरीबों की मदद करते रहे हैं। शाहिद 13 जून को पॉजिटिव पाए गए थे
हमारे देश में सबसे बड़ी दिक्कत गरीबी और बेरोजगारी है। महामारी से तो हम निपट लेंगे। लेकिन, जरा सोचिए कि गरीबी और बेरोजगारी का या करेंगे। पॉश इलाकों में तो समझ दिखी। लेकिन, ज्यादातर लोगों और खासतौर पर गरीब बस्तियों में कोविड-19 को लेकर लोग जागरूक नहीं थे। मुझे लगता है कि हम जैसे लोग बहुत अच्छी जिंदगी गुजार रहे हैं। शाहिद ने सरकार से जुड़े मामलों पर भी बात की। कहा, सरकार अहसास प्रोग्राम चला रही है। लेकिन, लोगों को राशन पानी नहीं मिला।
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मैं क्वेटा के आसपास के इलाकों में लोगों की मदद के लिए गया। राशन बांटा। लेकिन, यह कहते हुए अफसोस होता है कि हमारे यहां ऐसे भी मिनिस्टर्स और सांसद हैं जो वहां छुट्टियां मनाने गए। उन्हें रास्तों में मिलने वाले इन गरीबों की तकलीफ का अहसास नहीं था। भूखे बच्चे नंगे पैर घूम रहे थे। इमरान सरकार पर निशाना साधते हुए अफरीदी ने कहा, हमारे नेताओं को ऊपर वाले ने कुर्सी और ताकत दी। ये लोग गरीबों की मदद यों नहीं करते। मेरे पास तो कुर्सी नहीं है। बस, अच्छी नियत जरूरी है।
अब इन लोगों को ऊपर वाले को और यहां भी जवाब देना होगा। एनजीओ सिर्फ मीडिया में नजर आने के लिए शहरों में काम करते हैं। मुझे कुर्सी नहीं चाहिए। मैं फिलहाल सियासत में नहीं आना चाहता। इमरान खान की टीम में यूनिटी की कमी है। ये पूरा मुल्क देख रहा है।