जलतेदीप/ जयपुर
शीतलाष्टमी को ‘बसौड़ा’ भी कहा जाता है। इस बार यह सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां शीतला को बासी खाने का भोग लगाया जाता है। यह साल यह व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है।
चूंकि यह व्रत, मां शीतला को समर्पित माना जाता है। इसलिए इस व्रत में पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा अर्चना होती है। इस व्रत की तैयारियां एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। लोग व्रत पर मां शीतला को बासी खाने का भोग लगाने के लिए एक रात पहले ही पूरी साफ सफाई से खाना बनाकर रख लेते हैं।
व्रत वाले दिन यानी कि शीतलाष्टमी को सुबह ही नित्यकर्म और स्नान के बाद मां की पूजा के दौरान उन्हें इस बासी खाने का भोग लगाया जाता है। इसके बाद यह खाना ही प्रसाद के तौर पर घर के अन्य सदस्यों को दिया जाता है। इस दिन घर में खाना बनाने या किसी अन्य काम के लिए भी चूल्हा नहीं जलाया जाता है’