सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में अब तक 15 लोगों की मौत, 705 गिरफ्तार

एजेंसी, नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले 705 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है, जबकि करीब 4500 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया है। प्रवीण कुमार ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी हिंसक प्रदर्शन में अब तक 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 263 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

 

कानपुर से सपा विधायक गिरफ्तार
इस बीच शनिवार को समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी और हाजी इरफान सोलंकी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सूबे में हालात अब तक तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसके अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और कर्नाटक में भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।

 

हिंसक झड़प में 263 पुलिस कर्मियों को आई चोट
प्रवीण कुमार ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी हिंसक प्रदर्शन में अब तक 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 263 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को बुलेट इंजरी आई है। प्रयागराज, गाजियाबाद, बहराइच, हापुड़, लखनऊ, बाराबंकी समेत सूबे के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा के मामले में करीब 10 हजार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।

 

हिंसा वाले इलाकों से 405 खोखा-कारतूस बरामद
पुलिस ने हिंसा वाले इलाकों से 405 खोखे और कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने और भड़काऊ टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणी करने पर 63 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया पर 14 हजार से ज्यादा भड़काऊ पोस्ट को लेकर कार्रवाई की गई है। इनमें से 5,965 पोस्ट ट्विटर, 8 हजार पोस्ट फेसबुक और 141 वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किए गए।

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प
उत्तर प्रदेश में कई जगह हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। शनिवार को कानपुर और रामपुर में फिर से हिंसक झड़प हुई। पुलिस के मुताबिक उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां भांजी। काफी देर तक भीड़ और पुलिस के बीच झड़प चलती रही।