आध्यात्मिक ई शिक्षण शिविर में ऑनलाइन प्रवाहित हो रही है अध्यात्म की गंगा
जयपुर। जैनदर्शन के प्रकांड विद्वान आचार्यकल्प पण्डित टोडरमलजी की 300 वीं जन्म जयन्ती महोत्सव वर्ष के प्रसंग पर पण्डित टोडरमल सर्वोदय ट्रस्ट, अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन एवं श्री टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धान्त महाविद्यालय के सँयुक्त तत्वावधान में 19 जुलाई से चल रहे दस दिवसीय 43वे आध्यात्मिक ई शिक्षण शिविर में अध्यात्म की गंगा प्रवाहित हो रही है।
इस मौके पर देश-विदेश के ख्याति प्राप्त डाॅ.हुकुमचंद भारिल्ल ने कहा कि कोरोना काल के इस कठिन समय में इन ऑन लाइन शिविरोें के माध्यम से धर्म और अध्यात्म के सही स्वरूप को जान सकते है। जीवन में सुखी होने के लिए व धर्म के वास्तविक स्वरूप को जानने के लिए यह शिविर कारगर बन सकते हैं,ऐसे विपरीत समय में यह शिविर जीवन को सुखद बनाने में कारगर बन सकते है।
अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन एवं श्री टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धान्त महाविद्यालय के सँयुक्त तत्वावधान में दस दिवसीय 43वे आध्यात्मिक ई शिक्षण
शिविर के मीडिया प्रभारी दीपकराज जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में आयोजित हो रहे इस ऑनलाइन अनुष्ठान में अंतर्राष्ट्रीय विद्वान डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल, बाल ब्र.सुमतप्रकाश जैन खनियांधाना, पण्डित अभयकुमार शास्त्री देवलाली, डॉ. शान्तिकुमार पाटील जयपुर, डॉ. संजीवकुमार गोधा जयपुर, पण्डित शैलेषभाई तलोद, पण्डित राजेन्द्रकुमार जैन जबलपुर, पण्डित पीयूष शास्त्री जयपुर, पण्डित धर्मेन्द्र शास्त्री कोटा, डॉ. प्रवीण शास्त्री बांसवाड़ा, पण्डित रुपेन्द्र शास्त्री छिंदवाड़ा, पण्डित जिनकुमारजी शास्त्री सहित लगभग 65 विद्वानों के द्वारा ऑनलाइन प्रवचन कक्षाओं के माध्यम से प्रतिदिन सुबह, दोपहर एवं रात्रि तीनो समय लगभग 14 घण्टे माँ जिनवाणी का रसास्वादन केे लिए तत्वज्ञान की गंगा प्रवाहित हो रही है।
यह भी पढ़ें- चातुर्मास आत्म कल्याण का सुनहरा अवसर : साध्वी संघवरण
साथ ही प्रतिदिन जिनेन्द्र पूजन एवं समयसार महामंडल विधान का आयोजन डॉ. शान्तिकुमारजी पाटील के निर्देशन में पण्डित जिनेन्द्र शास्त्री एवं पण्डित समकित शास्त्री खनियाधाना के सहयोग से हो रहा है। यह अनुष्ठान ऑनलाइन होने के कारण संम्पूर्ण विश्व के हजारों की संख्या में साधर्मी भाई-बहिन लाभान्वित हो रहे है। जो आपने आप मे बहुत बड़ी उपलब्धि है।