आर्थिक संकट के दौर में राज्य सरकार उद्योग जगत के साथ: गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के औद्योगिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण पांच नीतियों का गुरूवार को शुभारम्भ किया। बिडला ऑडिटोरियम में आयोजित एमएसएमई कॉनक्लेव में आए उद्यमियों को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि ऎसे समय में जबकि देश में अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है राजस्थान सरकार अपनी नीतियों तथा योजनाओं के माध्यम से उन्हें संबल देने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। राज्य सरकार उनकी चिंताओं को समझती है और उन्हें निवेश के लिए अच्छा वातावरण देगी। गहलोत ने समावेशी, संतुलित और सशक्त औद्योगिक विकास तथा राजस्थान को उद्यमियों का पसंदीदा इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन बनाने के लिये राजस्थान औद्योगिक विकास नीति, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, राजस्थान सौर ऊर्जा नीति तथा राजस्थान पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति-2019 का शुभारम्भ किया। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में 42 उद्यमियों को राजस्थान उद्योग रत्न तथा राजस्थान निर्यात पुरस्कार प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को एक साल पूरा हो गया है। इस अवधि में हमारी नीति और नीयत आप सबके सामने है। हमने पूरी ईमानदारी से कोशिश की है कि इकॉनोमिक स्लो डाउन, उत्पादन तथा मांग में कमी की चिंता से जूझते उद्योग जगत को राजस्थान में सरकार की ओर से पूरा सहयोग और समर्थन मिले।

उद्योगों और ग्रीन एनर्जी में मददगार होंगी हमारी नीतियां

गहलोत ने कहा कि उद्योग-धन्धों के बिना किसी भी प्रदेश का विकास संभव नहीं है। राज्य के प्रथम सेवक के रूप में उद्योग जगत की चिंताओं से मैं भली-भांति वाकिफ हूं। आपकी समस्याओं को दूर कर बेहतर औद्योगिक माहौल देने के लिए ही ये पांचों नीतियां हमने यहां लॉन्च की हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि ये नीतियां प्रदेश में उद्योग स्थापित करने, उनके विस्तार तथा ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में मददगार साबित होंगी।

सीईटीपी लगाने पर 50 लाख तक मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्करों से बचाने तथा तीन वर्ष तक अनुमति एवं स्वीकृति की बाध्यताओं से मुक्त करने के लिए हमारी सरकार ने एमएसएमई एक्ट जैसा क्रांतिकारी कानून लागू किया। जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जोधपुर, पाली तथा बालोतरा के वस्त्र उद्योग को बढावा देने के साथ ही वहां के उद्यमियों की प्रदूषण से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीईटीपी लगाने पर रीको की ओर से 50 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाएगा। पहले यह अनुदान 25 लाख रुपए था। प्रदेश के 11 जिलों में रीको के माध्यम से नए औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे। इसी तरह बाडमेर में रिफाइनरी के काम को भी तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।

सौर एवं पवन ऊर्जा नीति में कई महत्वपूर्ण प्रावधान

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने नई सौर ऊर्जा नीति तथा पवन एवं हाईब्रिड ऊर्जा नीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। नई नीतियों में वर्ष 2024-25 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 4 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इन नीतियों में सौर एवं पवन ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टांप शुल्क में शत-प्रतिशत छूट, पचास प्रतिशत की रियायती दर पर भूमि आवंटन, दस वर्ष तक विद्युत शुल्क में छूट, एसजीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान सहित कई आकर्षक प्रावधान किए गए हैं।