
लद्दाख। लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव की खबरें हैं। जानकारी के मुताबिक, गालवन नदी के किनारे चीनी सेना के कुछ टेंट देखे गए। इसके बाद भारत ने यहां फौज की तैनाती बढ़ा दी। 1962 की जंग के दौरान भी गालवन नदी का यह क्षेत्र जंग का प्रमुख केंद्र था। हाल के दिनों में भी यहां दोनों देशों में तनाव देखा गया है। इस बीच, चीन ने कहा है कि भारत ने यह तनाव शुरू किया है। लेकिन, हमें यकीन है कि यहां डोकलाम जैसे हालात नहीं बनेंगे। बता दें कि नौ मई को नॉर्थ सिक्किम के नाकूला सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी।
लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीनी सेना के हेलिकॉप्टर देखे गए थे
उसी दौरान लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास चीनी सेना के हेलिकॉप्टर देखे गए थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे लड़ाकू विमानों से पेट्रोलिंग शुरू कर दी।
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सरकार की पैनी नजर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के दिनों में एलएसी पर चीन की हरकतों पर सरकार पैनी नजर रख रही है। चीन की सैन्य गतिविधियां और तैनाती इस क्षेत्र में बढ़ी हैं। हालात को देखते हुए भारत ने भी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है। इस क्षेत्र में अकसर झड़पें होती रही हैं। इस बार मामला इसलिए गंभीर नजर आता है, क्योंकि, यह करीब एक हफ्ते से जारी है।
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1962 में चीन ने यहीं पोस्ट घेरा था
गालवन नदी का यह क्षेत्र 1962 की भारत-चीन जंग में भी खास था। यहां पर भारतीय सेना का एक पोस्ट था, जिसे चीनी सैनिकों ने घेर लिया था। इसके बाद झड़प जंग में त दील हो गई थी। पिछले सप्ताह आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने कहा था- आपको किसी भी झड़प की जानकारी दी जाएगी। 10 स्थान ऐसे हैं जहां हम हर रोज बातचीत करते हैं। यहां हालात पहले की ही तरह हैं। एक या दो स्थानों पर कभी-कभार घटनाएं हो जाती हैं। यह तब भी होता है जब कमांडर्स बदले जाते हैं।