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कुछ ही दिन बाद पितृपक्ष आरंभ होने वाले हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार इन 16 दिनों में पितृों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं। इस बीच कई बार स्वप्न में पितृ दिखाई देते हैं, जिन्हें सामान्य घटना मानकर हम संतुष्ट हो जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके पीछे शुभ और अशुभ दोनों कारण होते हैं। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है।
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष का आरंभ हो जाता है, जिसका समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं। इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर 2022, शनिवार से शुरू होंगे। वहीं, समापन 25 सितंबर 2022 को होगा। माना जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर विचरण करते हैं और कई माध्यमों से हमें अच्छे और बुरे का संकेत भी देते हैं। पितृपक्ष के दिनों में यदि आपको भी सपने में पितृ दिखाई दें, तो इसे अनदेखा न करें। इसका कोई न कोई मतलब जरूर होता है।
सपने में बार-बार पितर दिखाई देना

मान्यता के अनुसार, यदि आपको सपने में बार-बार पितर दिखाई देते हैं तो इसका मतलब उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गई है। सपने के जरिए वे आपको कुछ बताना चाहते हैं। ऐसे में आपको अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पाठ करवाना चाहिए। साथ ही उनके नाम से दान करना चाहिए।
प्रसन्न मुद्रा में दिखाई देना

पितृपक्ष के दौरान यदि आपके सपने में पूर्वज प्रसन्न मुद्रा में या आशीर्वाद देते हुए दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब आपके पूर्वज आपसे खुश हैं और आपके श्राद्ध को उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
सपने में पूर्वजों का शांत दिखाई देना
कहा जाता है कि यदि सपने में आपको पूर्वज शांत मुद्रा में दिखाई दें तो ये इस बात का संकेत है कि वे आपसे संतुष्ट हैं और जल्दी ही आपको किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।
पूर्वजों को बहुत करीब देखना
यदि सपने में आप अपने पूर्वजों को स्वयं के बहुत करीब देखते या महसूस करते हैं, तो ये होता है कि अभी भी वे परिवार के मोह को नहीं छोड़ पाए हैं। इसके लिए के नाम से अमावस्या को धूप दिखानी चाहिए साथ ही आत्मा शांति के लिए अनुष्ठान करवाना चाहिए। साथ ही गाय को रोटी खिलाना चाहिए।
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