
7 सितंबर अशोक नगर पयुर्षण महापर्व के चतुर्थ दिवस मंगलवार विज्ञान समिति मे चुदड़ी के उपवास करने वाली बहनों व भाईयो को धर्मसभा मे सम्बोधित करतें हुयें प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने कहांकि मानव की आत्मा संसार से मुक्ति पाने के लिए अनादिकाल से भ्रमण कर रही है मुक्ति के दवाजे को पाने का सबसे सहज मार्ग दान परन्तु हर्ष और प्रमोद के द्वारा दान करने वाले ही पुण्य का संचय करके अपनी आत्मा को निर्मल और पुण्यसाली बना सकते है बिना भावों से दिया गया दान जीवन मे कौई महत्व नहीं रखता है दान देतें समय भावना उत्तम होगी तभी दान का सही फल मिल पायेगा और आत्मा संसार सागर से योनियों से मुक्त हो पायेगी!

महेशमुनि मुकेश मुनि अखिलेश मुनि व डॉक्टर वरूण मुनि आदि संतो ने कहाँ कि जैसा करोगे वैसा ही फल प्राप्त करोगे दान पुण्य करने से बंधे कर्मो बंधन टुटते है ! लोकाशाह जैन स्थानक के अध्यक्ष कांतिलाल जैन बताया कि पर्वाधिराज पयुर्षण पर्व पर धर्मसभा मे अनेक श्रावक श्राविकाओं ने दो ,तीन चार पांच, दस पन्द्रह के अलावा सभी महिलाओं ने चुदड़ी के उपवास करके संतो से पच्खाण लिये ! अंतगढ़ शास्त्र व कल्प सूत्र का वरूण मुनि व हितेश मुनि के द्वारा वाचन किया गया !
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