राजस्थानी भाषा का विशालतम शब्दकोश राजस्थानी भाषा की समृद्धता का प्रमाण है: पदम मेहता

Mr.Padam Mehta- Editor of Rajasthani magazine Manak,
Mr.Padam Mehta- Editor of Rajasthani magazine Manak,

हनवंत सिंह राजपुरोहित ने किया माणक पत्रिका के संपादक पदम मेहता से संवाद

“राजस्थानी भाषा शब्दों का विशालतम समुद्र है जिनके माध्यम से असंख्य भावों का सृजन होता है। भाषा वो मजबूत होती जिसमें एक्सप्रेशन क्षमता अधिक हो और इस दृष्टि से राजस्थानी बहुत समृद्ध भाषा है। यह बात राजस्थानी पत्रिका माणक के सम्पादक पदम मेहता ने “जै जै राजस्थान” समूह के हनवंत सिंह राजपुरोहित (लंदन) द्वारा किए गये वेबलाईन संवाद के दौरान कही । उन्होने राजस्थानी भाषा की मान्यता आन्दोलन और भाषा के प्रचार प्रसार में पत्र पत्रिकाओं के योगदान पर भी चर्चा की ।

पदम मेहता ने कहा माणक पत्रिका स्थापना के उद्देश्य के सवाल पर उन्होने कहा कि राजस्थानी भाषा, संस्कृति और इतिहास से आमजन को रूबरू करवाना ही इसका प्रारंम्भिक उद्देश्य था

माणक पत्रिका स्थापना के उद्देश्य के सवाल पर उन्होने कहा कि राजस्थानी भाषा, संस्कृति और इतिहास से आमजन को रूबरू करवाना ही इसका प्रारंम्भिक उद्देश्य था | माणक पत्रिका आज भी अपने तय किए गये उद्देश्य और मानकों पर खरा उतर रही है और जनमानस में खाफी लोकप्रिय है। मेहता ने कहा कि मातृभाषा माँ की तरह होती है जो संस्कृति और इतिहास रूपी पुत्र पुत्रियों का पालन पोषण करती है। जब माँ ही नहीं रहैगी तो बच्चों का पतन होना तय है | इसलिए मातृभाषा का संरक्षण अतिआवश्यक है और वो इसकी संवैधानिक मान्यता से ही संभव है |

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जै जै राजस्थान हर सप्ताह रविवार को एक सख्सियत का साक्षात्कार लेती है । जिसमें राजस्थानी भाषा और संस्कृति से जुड़े सवाल किए जाते है । कार्यक्रम सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हो रहा है । कार्यक्रम में कवि छैलू चारण छैल, सत्यनारायण राजस्थानी, अरुण माहेश्वरी, आकाश मोदी,अशोक स्वामी, अचल सोनी, किरण राजपुरोहित आदि ने भी अपने सवाल पूछे ।