
जोरहाट। आरडब्ल्यूटीपी, जोरहाट (असम) ने क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं को पारंपरिक गमोछा (असम का पारंपरिक सूती तौलिया) से मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया। मास्क के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया, 150गमोछा खरीदे गए तथा दो सिलाई मशीनों की व्यवस्था की गई।(एक गमोचा से 6 होममेड मास्क तैयार किए जा सकते हैं)।
प्रस्ताव है कि महिलाओं को 15 / – रुपये प्रति मास्क की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा, 200 लीटर तरल कीटाणुनाशक का उत्पादन किया जा रहा है। तरल कीटाणुनाशक के लिए आवश्यक कच्चे माल जैसे डेटॉल, इथेनॉल, ग्लिसरीन, तेल का संग्रह किया जा चुका है।

असम की ग्रामीण महिलाओं को पारंपरिक गमोछा से मास्क बनाने का प्रशिक्षण
आस-पास के गांवों के गरीब तथा परिवार के सदस्यों के बीच तरल कीटाणुनाशक का निःशुल्क वितरण किया जायेगा। आरडब्ल्यूटीपीकी महिलाओं को 24 मार्च की बंदी से पहले प्रशिक्षित किया गया था।
प्रतिभागी महिलाओं ने लगभग 50 लीटर हैंड सेनिटाइज़र, 160 लीटर तरल कीटाणुनाशक तैयार किया जिसे 60 महिला प्रतिभागियों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच वितरित किया गया है।
यह भी पढ़ें- कोविड-19 लॉकडाउन ई-पास सुविधा शुरू की
आरडब्ल्यूटीपी ने निम्न विषय पर कोविड –19 के पोस्टर और पर्चे तैयार किये हैं:
कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए असमिया भाषा में क्या करें और क्या न करें तथा मौजूदा हालात में सावधानियां बरतने के उपाय आदि।