सतरंगी राजस्थानी महोत्सव री सावठी ओळख ‘आडावळ’

रिपोर्ताज- शिवदानसिंह जोलावास

हरेक मिनख री इच्छा होवै कै उणरा सुपना सफल हुवै।। बरसां पछै सोशल मीडिया माथै राजस्थानी कॉमेडी, चैनल में राजस्थानी रा गीत संगीत अर बेरोजगार भर्ती मंच सूं राजस्थानी रै हक री बात सुणां तो खुशी हुवै। 21 बरस पैली देख्योड़ो सपनो हो। भासा आंदोलन री नींव 21वीं सदी रै पैलै दशक में रखीजी। आज वा मजबूत हुवती जा रैयी है। सरुआत में पैली वगत राजस्थानी में छात्रसंघ शपथ ग्रहण करायो तो सैंगा नै अचरज हुयो, पछै भास्कर में एक कॉलम राजस्थानी में शुरू कीधो। धीरै-धीरै गणगोर घाट माथै कवि समेळो अर प्रणवीर प्रताप जस्या नाटक सूं इण चुनौती नै झेल्यो। बरस 2010 तक धीरै-धीरै धरणो प्रदर्शन, मुखपत्ती सत्याग्रह जिस्या आंदोलन हुवण लाग्या। बरसां री इण जात्रा नै नूंवो मोड़ राजस्थान साहित्य महोत्सव आडावळ सूं दीधो।

राजस्थानी साहित्य महोत्सव उण सुपना रो ही एक रूप है। जिको मायड़ भाषा रै संघर्ष वास्तै देख्यो एक साथै चाळीस जणां री टोळी अर आपणी विधा अर रूचि मुजब २०१५ सूं एक सरीखा विचार रा मिनख साथै राजस्थान साहित्य महोत्सव री शुरुआत होई। बढ़तां बढ़तां लारला तीन बरस में ओ जळसो राष्ट्रीय स्तर सूं देस दिसावर में पिछाण बणावण लागग्यो। इण में सगळी विधा में कार्यक्रम हुवै। संवाद, परिचर्चा, लेखन कार्यशाला,सिनेमा प्रदर्शन, नाटक आद कारज हुवै। जिण में आमजन री भागीदारी रैवै। प्रवासी राजस्थानी भी उत्साह सूं आपरी भागीदारी देवै। लारला तीन बरस सूं पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार रै साथै कई संगठन, विश्वविद्यालय, संस्थान इण भेळप में साथै आया। इण बरस मांय राजस्थान क्लब- टेक्सास, राजस्थान एसोसिएशन- कीनिया अर परदेस रा कई मंच भागीदारी दी। डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान भी 25 घंटा री निर्बाध कवि जातरा सूं जुड़’र कीर्तिमान बणायो। कोविड री हालत पछै परिस्थितियां अर प्रशासनिक दबाव साथै सरकारी पाबंदियां प्रभावी रैयी पण टोळी रो होंसलो देखतां थकां निर्णय कीधो कै म्हे लॉकडाउन रै दौरान भी कलाकार नै सांस्कृतिक संवर्धन अर उणां रै आर्थिक पख सारू जतन करांला। बरस 2020 में 51 कलाकारों नै ₹100000 री आर्थिक रूप सूं मदद करी।

इण बरस सांस्कृतिक रंगां साथै राजस्थानी साहित्य महोत्सव- आडावळ रो आगाज होयो

केंद्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल कैयो’कै राजस्थान री संस्कृति रो हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाणो आपां सब री जिम्मेवारी है। केंद्रीय मंत्री महाराणा कुंभा सभागार में आयोजित राजस्थान साहित्य महोत्सव आडावळ -2021 रा उद्घाटन जळसा में आप रा विचार राखतां कैयो कै आखै जगत में प्रवासी राजस्थानी इणरो सम्मान बढ़ा रह्या है। आपणी संस्कृति में गहरायी हैआ मानवतावादी भी है। राजस्थान री संस्कृति नै सब आदर्श सूं देखै। राजस्थानी मिनख दुनिया री सगळी ठौड़ भारत रो मान बढ़ा रह्या है। खास पावणा राजस्थान उच्च न्यायालय रा न्यायाधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी कैयो कै भारत रै संविधान रै लचीलापन अर लोकतंत्र री कदर दुनिया भर में हुवै। इण री मजबूती अठै री भासा अर संस्कृति री पिछाण है।

वै कैयो कै किणी भी राज्य नै ख़ास दरजो दिरावण में अर संसार सांम्है लावण सारू उणरी सांस्कृतिक पिछाण एक मोटी जगा राखै। विविधता में एकता सूं देश मजबूत हुवै।
कलाकारां जनजाति रै बालकिया ब्याव रा लोकगीत अर नाच साथै राजस्थान री सास्कृतिक छाप छोड़ी, कुरजां लोकगीत सुणायो। संचालन झुंझुनू सूं सीमा राठौर कीधो। आयोजन समिति उपाध्यक्ष योगेश कुमावत बतायो कै राजस्थान री कला संस्कृति नै जीवती राखण सागै आडावळ मंच पीढ़ी नै संस्कार सूंप रैयी है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, कला क्षेत्र,आशा इंडेन, राजस्थान साहित्य अकादमी, होटल योहिस, अर्बन स्क्वायर, के टी एस प्राइम, माय राजस्थान क्लब खास रूप सूं भागीदार रह्या। बै आठ करोड़ राजस्थानीयों री आवाज बण्या साथै ही राजस्थान सरकार रा पर्यटन विभाग रो सहयोग मिल्यो।

“आडावळ” आयोजन में निर्बाध 24 घन्टा “राजस्थानी कवि जातरा” रो आयोजन हुयो जिको किणी भी भारतीय भाषा में पेली कोशिश ही। निदेशक डॉ. शिवदान सिंह जोलावास बतायो कै “राजस्थानी कवि जातरा” में दुनिया रा 101 कवि, लेखक, साहित्यकार मातृभाषा राजस्थानी नै पिछाण दिरावा अर आठवीं अनुसूची में भेली करवा खातिर 24 घण्टे लगातार रचना पाठ कीधो जिको किणी भी भाषा रै सम्मान अर पहचान वास्ते पेलो अर लूंठो प्रयास है।

“राजस्थानी कवि जातरा” री संयोजक श्रीमती किरणबाला बतायो उद्घाटन रा खास पामणा डेल्फिक काउंसिल आफ राजस्थान रा प्रदेश महासचिव डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी हा। राजस्थान एसोसिएशन कीनिया, यूके सूं इंदु बारेठ, श्रीमती अंजलि शर्मा तिवारी, माय राजस्थान क्लब यूएसए से नरेंद्र सिंह सोलंकी आद जुड्या। अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, महाद्वीप होवती थकी पाछी एशिया में पूगी । चूरू सूं डॉ. सुरेंद्र डी सोनी, नागौर सूं प्रहलाद सिंह झोरड़ा, झुंझुनू सूं श्रीमती सीमा राठौड़ आद न्यारा-न्यारा सत्रों रो संचालन कीधो। जिणमें मां री चिरजा अर मीरा रै पदों रो पाठ व्हियो।

कवि सम्मेलन रो सत्र राजस्थान रा नामी लेखकां नै समर्पित रह्यो। जिणमें रानी लक्ष्मी कुमारी चुंडावत, पद्मश्री कन्हैयालाल सेठिया, मनुज देपावत, चंद्र सिंह बिरकाळी, सीताराम लालस , भक्तमती मीराबाई, पृथ्वीराज राठौड़ आदि हा। संचालन रतन सिंह चंपावत, डॉ करुणा दशोरा, श्रेणी दान चारण, मनीष पारीक, सुशीला शर्मा कर्यो। नॉर्वे सु कुलदीप सिंह राठौड़ कनाडा सु एमपी सिंह मेवाड़, राव अजातशत्रु, संजू श्रीमाली, गिरीश विद्रोही, पुष्कर गुप्तेश्वर, मोनिका गौड़, राजेंद्र स्वर्णकार, बंशीलाल सगळा संभाग सूं रचनाकार काव्य पाठ कीधो।

आठ पोर री कवि जातरा विश्व कीर्तिमान बनायो समापन जलसा रा पाटवी धरोहर प्रोन्नत प्राधिकरण रा पूर्व अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत कह्यो कै बोलियां ही भाषा री ताकत है क्यूंकै बोली भाषा नै मजबूत करै।

बीज भाषण केंद्रीय साहित्य अकादमी संयोजक मधु आचार्य रो हो। वे कह्यो कै राजस्थानी रो शब्द संसार आपनै आम मानखै लग पुगावै आडावळ महोत्सव” रो समापन पद्मश्री रानी लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत सभागार में हुयो।