बंगाल में ओबीसी आरक्षण पर जंग

mamta banarjee
mamta banarjee

ओबीसी आरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: ममता बनर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ओबीसी आरक्षण पर जंग छिड़ गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार 2010 के बाद से राज्य में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी।

ममता बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना जिले के सागर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार गर्मी की छुट्टियों के बाद आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करेगी। उन्होंने कहा कि हम ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने संबंधी आदेश को नहीं मानते। हम ग्रीष्म अवकाश के बाद शीर्ष अदालत में अपील करेंगे।

हाई कोर्ट ने रद्द किया था ओबीसी आरक्षण

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2010 से कई वर्गों को दिया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा बुधवार को रद्द कर दिया था। अदालत ने कहा था कि मुसलमानों के 77 वर्गों को पिछड़ा वर्ग श्रेणी की सूची में शामिल करना उनके साथ वोट बैंक की तरह बर्ताव करना है। ओबीसी में हिंदू समुदाय के भी कई वर्ग आते हैं लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। जबकि अधिक से अधिक मुसलमानों को इसका लाभ सबसे अधिक मिलने वाला है।

भाजपा को वोट नहीं देने की अपील

बनर्जी ने चुनावी रैली में अपने संबोधन में मतदाताओं से आग्रह किया कि वे तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा या किसी अन्य पार्टी को एक भी वोट न दें ताकि विपक्षी गठबंधन इंडिया केंद्र में सरकार बना सके। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर ममता बनर्जी पर लगातार हमले कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ओबीसी वर्ग के लोगों का आरक्षण छीन कर ममता बनर्जी मुसलमानों को दे रही है।

यह भी पढ़ें:केदारनाथ धाम में हेलिकॉप्टर क्षतिग्रस्त