सोमकमला आंबा की नहरों से जल प्रवाह 10 नवंबर से, नहरों की सफाई ही नहीं

सोम कमला आंबा बांध परिसर में हुई बैठक, जनप्रतिनिधियों ने विभागीय कार्मिकों पर उठाए सवाल

डूंगरपुर। जिले के सबसे बड़े सोम कमला आंबा बांध से रबी फसल की सिंचाई को लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्ण पाल सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को सोम कमला आंबा बांध परिसर में बैठक आयोजित हुई।

जिसमें अधिशासी अभियन्ता चंद्र प्रकाश मेघवाल ने विभाग द्वारा नहरों में पानी छोडऩे की जानकारी एवं नहरी कार्य को लेकर काश्तकारों को जानकारी देते हुए नहरों में पानी छोडऩे का दिन तय करने की बात कही जिस पर काश्तकारों ने विभाग द्वारा तय दिन से पूर्व नहरों की सफाई कर पानी छोडऩे की मांग की गई जिस पर 10 नवंबर को नहरों में पानी छोडऩे का दिन तय किया गया। बैठक में आसपुर उपखंड अधिकारी प्रवीण कुमार मीणा साबला उपखंड अधिकारी गौतमलाल कुम्हार, एसई जल संसाधन विभाग फुल सिंह मीणा आदि मौजूद थे।

बैठक में कमल मेहता ने गोल चक्र में नेहरी तंत्र को लेकर विभागीय अधिकारियों से सवाल किया कि हर वर्ष गोल चक्र से गुजर रही नहर की मरम्मत के लिए स्वीकृति निकाली जाती है राशि भी आती है टेंडर भी होते हैं इसके बाद भी धरातल पर कार्य शून्य रहता है आखिर ऐसा क्यों? जिसपर विभागीय अधिकारियों ने कोरोना काल में कोई कार्य स्वीकृति नहीं होने की बात कही।

मेहता ने कहा कि आप भी हैं हम भी हैं नहरों का आंखों देखा हाल एक बार जरूर देख लें। डूंगर पाटीदार ने बड़लिया बीबीसी 750 से आगे की साइफन को डायवर्ट कर नाले में डालने की मांग की , मोदपुर माइनर के पास रोड़ा लगाकर पानी हर वर्ष अवरुद्ध कर देते है। वालजी पाटीदार ने धोरों की मरम्मत का कार्य की स्वीकृति नही होने से काश्तकारों को भारी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।

रघुनाथसिंह ने बोड़ीगामा बड़ा तालाब खाली है जिसे भरने की मांग की। कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष करणसिंह ने सोम कमला बांध का पूरा लाभ नही मिल रहा है। बांध के पानी से पूंजपुर बोडीगामा, माल, पचलासा के तालाब में पानी भरे जिससे उन तालाबों से किसानों को सिंचाई का पानी मिल सके।

साथ ही कहा कि आगामी बैठक जब भी हो तो उपखंड मुख्यालय पर ही आयोजित करें सोम कमला आंबा बांध में आयोजित करने से काश्तकारों को यहां आने जाने में परेशानी होती है जिससे कई काश्तकार बैठक में भाग नहीं ले पाते हैं। प्रभु लाल त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि जल वितरण कमेटी पूंजपुर के पूजेला बांध का अध्यक्ष होने के बाद भी विभाग द्वारा मुझे राजस्व का रिकॉर्ड नहीं दिया जा रहा है, दोनों के हालात भी खस्ताहाल हैं ऐसे में इनकी मरम्मत का जिम्मेदार कौन है जिस पर विभागीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों की मरम्मत के लिए ग्राम पंचायत कार्य करवा सकती है एवं इसकी देखरेख का जिम्मा काश्तकारों के स्वयं का है।

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