
हिन्दू धर्म में केले को अत्यंत पवित्र माना गया है। किसी भी पूजा, पाठ, हवन (हवन की राख के उपाय), अनुष्ठान, पंगत आदि के दौरान केले के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। मात्र केले के पत्ते का ही नहीं बल्कि फल के रूप में केले और ताने के रूप में केले के पेड़ का इस्तेमाल भी देखने को मिलता है।
हिन्दू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में ऐसा बतायागया है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही, केले के पेड़ का संबंध गुरु यानी कि बृहस्पति ग्रह से भी होता है। ऐसे में पूजा के दौरान केले के पत्तों का प्रयोग करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से पूजा का काम बिना किसी बाधा के पूर्ण होता है। साथ ही, बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद भी मिलता है। मान्यता है कि पूजा में केले के पत्ते के इस्तेमाल करने से कुंडली में गुरु ग्रह का स्थान उच्च होता है और शुभ परिणामों के संकेत दिखने लग जाते हैं।
कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

धर्म-शास्त्रों कें यह भी वर्णित है कि केले के पत्ते पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के 8 छल) का भोग लगाने से घर में अन्न का भंडार हमेशा भरा रहता है। अगर केले के पत्ते पर केले का ही भोग लगाया जाए तो इससे दांपत्य जीवन की परेशानियां भी दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन का संपूर्ण सुख मिलता है।
वैवाहिक जीवन बनेगा सुखमय
ऐसी मान्यता है कि अगर केले के पत्ते पर केला फल का ही भोग लगाया जाए तो इससे दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती है और साथ ही वैवाहिक जीवन का संपूर्ण सुख मिलता है। केला का पौधा घर में लगाने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
दूर होते हैं मांगलिक दोष
माना जाता है कि मांगलिक दोष वाले व्यक्ति की अगर केले के पेड़ से शादी की जाए तो उसका मांगलिक दोष दूर हो जाता है। किसी पूजा में या मांगलिक कार्यों में दरवाजे पर केले के पत्तों को लगाना बहुत शुभ होता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाने से घर में सुख व समृद्धि आती है।
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