नकल करने वालों में किसी पिता ठेकेदार तो ज्यादातर के परिजन सरकारी नौकर

पेपर लीक प्रकरण
पेपर लीक प्रकरण

किसान परिवारों ने भी 10-10 लाख मेंं खरीदे थे पेपर

जयपुर। सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रकरण में जो छात्र-छात्राएं गिरफ्तार किए गए हैं उनमें किसी के पिता ठेकेदार तो ज्यादातर के परिजन सरकारी नौकर हैं। कई छात्र किसान परिवार से आते हैं, लेकिन सरकारी नौकरी की चाहत में उन्होंने भी 10-10 लाख रुपए में परचे खरीद लिए। अब इन छात्रों और परिजनों के पास पछताने के अलावा कुछ शेष नहीं बचा है, क्योंकि पुलिस ने इन पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगा दिया है। रविवार को सभी छात्र-छात्राओं के परिजन उदयपुर पहुंचे और थाने के बाहर बच्चों से मिलने का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि उनके बच्चों के खिलाफ रासुका लगाया जाएगा, तो वे रोने लगे।

सीनियर टीचर भर्ती में जितने भी चेहरे सामने आए हैं, उनका कनेक्शन कोचिंग सेंटर्स और सरकारी नौकरी में लगे लोगों से है। उदयपुर में पकड़े गए 30 से ज्यादा अभ्यर्थियों के मां-बाप या भाई सरकारी नौकरी में हैं। नकल गैंग का भूपेंद्र बिश्नोई खुद भी रेलवे में एएसआई के पद पर फर्जी तरीके से भर्ती हुआ था। बाद में रेलवे से उसे निलंबित कर दिया था।

पेपर लीक प्रकरण
पेपर लीक प्रकरण

उदयपुर पुलिस ने शनिवार को पकड़ में आए नकल गिरोह से पूछताछ के बाद रविवार को भी एक मास्टरमाइंड पर शिकंजा कसा। पुलिस ने एक होटल से रावताराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया है। खुद सेकंड ग्रेड टीचर है। सांचौर के हरियाली इलाके का रहने वाला रावताराम जसवंतपुरा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में सेकंड ग्रेड टीचर के पद पर लगा हुआ है। इससे पहले पकड़ा गया सुरेश कुमार बिश्नोई पूरे नकल गिरोह का मास्टरमाइंड है। सुरेश ने ही नकल के लिए 30 से ज्यादा अभ्यर्थियों से डील की थी। सुरेश बिश्नोई राजस्थान प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय ठेलीया चितलवाना में प्रधानाध्यापक है। ये रिडीया धोरा गुढा हेमा का रहने वाला है। वहीं तीसरा मास्टरमाइंड भजनलाल बिश्नोई थर्ड ईयर एमबीबीएस का स्टूडेंट है। ये सांचौर का रहने वाला है और इसके पिता मोहनलाल बिश्नोई किसान हैं।

कैंडिडेट्स की कुंडली- कोई बैंककर्मी तो कोई टीचर का बेटा

पुलिस ने नकल करते हुए जिन्हें पकड़ा है, इनमें 80 प्रतिशत सरकारी टीचर्स के बच्चे हैं। गिरफ्तार हुई सांचौर निवासी निवेदिता शर्मा के पिता नरेंद्र शर्मा पिता लेक्चरर हैं। जयश्री बिश्नोई के पिता बाबूलाल भी सरकारी शिक्षक हैं। वे भी सांचौर के रहने वाले हैं। सुनील कुमार के पिता झालाराम बिश्नोई अध्यापक हैं और भाटीप करड़ा के रहने वाले हैं। वहीं, महेन्द्र कुमार प्रजापत को पकड़ा है। ये तिलक रोड कुम्हारों का वास जिला जालोर का रहने वाला है। इनके पिता पोसाराम प्रजापत निजी बैंक में कर्मचारी हैं। सुरेश बिश्नोई के पिता रामलाल सरकारी अध्यापक हैं और सुरता की ढाणी साकड़ के रहने वाले हैं। प्रकाश बिश्नोई के पिता विरदाराम अध्यापक हैं और दांता सांचौर के रहने वाले हैं।

नकल में लड़कियां भी कम नहीं

पुलिस ने नकल वाली बस में से 6 लड़कियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो लड़कियों के पिता स्कूल के डॉयरेक्टर हैं। सरोज खोखर के पिता सुखराम बिश्नोई स्कूल के डायरेक्टर हैं। वे एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं। संतोष बिश्नोई के पति की सांचौर में दुकान है। वह सामान्य परिवार से है, लेकिन उसने भी पेपर हासिल करने के लिए 10 लाख रुपए में डील की थी। मेनका बिश्नोई के पिता पुरखाराम बिश्नोई किसान हैं। वे सामान्य किसान परिवार से हैं। सोवनी कुमारी के पिता हरीश चंद्र भी किसान हैं। नितिषा बिश्नोई के पिता बुद्धाराम भी सामान्य परिवार से हैं। सामान्य परिवार से होने के बावजूद भी 8 से 10 लाख में पेपर पास कराने की डील तय की गई थी।

ये किसान परिवार से, लेकिन 10 लाख में हुई डील

नकल करने वालों में कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो सामान्य किसान परिवार से हैं। हालांकि इनके परिवार में भाई व अन्य लोग सरकारी सेवा से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने जिन्हें गिरफ्तार किया है, उनमें सुनिल कुमार पुत्र रघुनाथ राम विश्नोई निवासी ताणीयो की ढाणी, हरियाली थाना सांचौर, जगदीश कुमार पिता केशाराम जाट निवासी मीरपुरा थाना करडा जालोर, श्रवण कुमार पुत्र शैताना राम निवासी करावडी जालोर किसान परिवार से हैं।

ऐसे ही मगन लाल पुत्र हेमाराम जाट निवासी सूटागोई केरीया, जालोर, गंगाराम पुत्र वगता राम मेघवाल निवासी सागड़वा डावल चितलवाना जालोर को पकड़ा है। केराराम निवासी भुतेल झाब के पिता नारणा राम विश्नोई किसान हैं। अरविन्द कुमार पुत्र रामलाल निवासी सिद्धेश्वर, सांचौर, सांवला राम पुत्र रावता राम जाट निवासी खारा, बदरा राम निवासी दाता को पकड़ा है। इसके पिता भगा राम चौधरी पिता किसान हैं। वहीं, कपिल बिश्नोई पिता गणपतलाल सांचौर के हैं और पिता ठेकेदार हैं। लाभूराम चितलवाना का रहने वाला है और इनके पिता धमाराम जांगिड़ लकड़ी के कारीगर हैं।

सुखेर में होटल से पकड़े 10 लोग, इनमें डमी कैंडिडेट

पुलिस ने सुरेश बिश्नोई से पूछताछ की तो पता लगा कि उदयपुर के सुखेर में भी एक होटल में कुछ कैंडिडेट्स को पेपर हल की तैयारी करवाई जा रही है। पुलिस होटल में पहुंची तो अलग-अलग कमरे में कैंडिडेट मिले। पुलिस ने पेपर हल करवाने वाले मंगलाराम पुत्र भाखराराम बिश्नोई और गोपाल पुत्र पूनमाराम बिश्नोई, पुखराज पुत्र रघुनाथ को पकड़ा है। पुखराज भी झाब के माध्यमिक स्कूल में एलडीसी के पद पर है। पुलिस ने डमी कैंडिडेट भागीरथ को भी पकड़ा है। ये सिरोही में साइंस का सेकंड ग्रेड टीचर है।

पुलिस ने 6 कैंडिडेट को भी अरेस्ट किया है। इनमें भारमल पुत्र उदाराम निवासी धमाना का गोलियां, कन्हैयालाल पुत्र चंपालाल निवासी जीनगर कॉलोनी सांचौर, मालसिंह पुत्र हनुमानाराम निवासी दुठवा सांचौर, नानजीराम पुत्र माधुराम निवासी पथमेड़ा सांचौर, भूपेंद्र कुमार पुत्र बाबूलाल निवासी पथमेड़ा, सविता कुमारी पुत्री खंगाराम निवासी भदुरणा झाब शामिल हैं।

100 में से 80 प्रश्न हूबहू मिले

पुलिस ने बस में से मिले प्रश्नपत्रों की जांच की तो पता लगा कि 100 प्रश्नों में से 80 प्रश्न बिल्कुल हूबहू हैं। उनमें कोई अंतर नहीं है। साथ ही बस में प्रिंटर और स्कैनर भी रखा हुआ था। बस में से दो सफेद पेपर की रिम भी मिली थी। फोटो कॉपी करके प्रश्न पत्र अभ्यर्थियों को दिए जा रहे थे। बस के शीशों पर सफेद रंग के पर्दे लगा रखे थे। बस लगातार चल रही थी। बस में हेडमास्टर व अन्य पेपर को सॉल्व करा रहे थे। बस को ले जाने के लिए दो ड्राइवर भी रखे हुए थे। तब बस को नरेश कुमार पुत्र भागीरथ निवासी झाब, चितलवाना चला रहा था। दूसरा ड्राइवर पीराराम पुत्र रघुनाथराम बिश्नोई हेमागुढा झाब का रहने वाला था। वह बस मालिक का बेटा था।

सुरेश ने दे रखी थी 100 प्रतिशत प्लेसमेंट की गारंटी

लीक किए गए पेपर के लिए सबसे ज्यादा कैंडिडेट मास्टरमाइंड ने ही तैयार किए थे। जिन अभ्यर्थियों से 10 लाख रुपए में पेपर की डील हुई, उन्हें 100त्न नौकरी लगवाने की गारंटी सुरेश ने दी थी। अभ्यर्थियों के पास जो प्रश्न पत्र की नकल मिली है, उनमें 80 प्रश्न मैच होना इस बात के सबूत हैं कि नकल गैंग के पास ओरिजनल पेपर ही था।

ऐसे आए पकड़ में

पेपर लीक प्रकरण
पेपर लीक प्रकरण

एक दिन पहले ही कैंडिडेट को पेपर याद करवाने के लिए उदयपुर बुला लिया गया था। आरोपी एग्जाम से पहले की रात सभी अभ्यर्थियों को बस में बैठाकर उदयपुर के आस-पास की लोकेशन पर घुमाते रहे ताकि कोई ट्रेस नहीं कर पाए। क्योंकि लगातार हो रहे पेपर लीक के चलते पुलिस और एसओजी पहले से ही अलर्ट मोड पर थी, लेकिन नकल गैंग की सारी चालाकी धरी गई। बस जैसे ही बेकरिया थाना के सामने से निकली तो नाकाबंदी में उसे रुकवाकर गिरोह पर शिकंजा कसा गया। सूत्र बताते हैं कि सुरेश बिश्नोई इसी बस को एस्कॉर्ट करते हुए आगे एक कार में अलग से चल रहा था। कार में बैठे-बैठे वह जीपीएस के जरिए बस की लोकेशन ट्रेस कर रहा था। बाद में पुलिस ने उसे भी दबोच लिया।

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