
61 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता वाले जमालपुर में तीसरे नंबर पर
गांधीनगर। आखिरकार वह पल आ ही गया, जिसका बीते कई महीने से लोग इंतजार कर रहे थे। वैसे तो गुजरात चुनाव की प्रक्रिया तो नवंबर में ही शुरू हुई थी, लेकिन इस विधानसभा चुनाव का शोर तो इस साल की शुरुआत से ही तेज हो गया था। लंबे समय से भाजपा ने इस राज्य की सत्ता पर कब्जा जमा रखा है। 2017 में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर तो दी थी, लेकिन सत्ता से दूर रह गई। इस बार भी वह भाजपा को टक्कर देने की कोशिश कर रही है।

हालांकि, इस बार दिल्ली और पंजाब में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी भी गुजरात में जोर-आजमाइश कर रही है। आप ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने भी कई सीटों पर सेंधमारी की कोशिश की। सूबे में करीब नौ से 10 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं। 30 से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 15 फीसदी से ज्यादा है। इनमें से 20 में ये संख्या 20 फीसदी से भी ज्यादा है।
ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि वे 10 सीटें जहां मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं, उन्होंने किसे सत्ता की चाबी सौंपी? इससे हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि गुजरात में आखिर मुसलमान मतदाताओं ने किस पर भरोसा जताया।
गुजरात में अब तक मुस्लिम विधायकों का प्रतिनिधित्व?
गुजरात में करीब 10 फीसदी मुस्लिम हैं। इस लिहाज से देखें तो राज्य विधानसभा में आबादी के लिहाज से करीब 18 विधायक हो सकते हैं। हालांकि, गुजरात की किसी भी विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या कभी सात से ज्यादा नहीं रही। 2017 में तीन मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर विधायक बने थे। तीनों कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। 2012 विधानसभा चुनाव में महज दो मुस्लिम उम्मीदवार ही जीतने में सफल रहे थे।
भाजपा-आप-कांग्रेस के उम्मीदवारों में मुस्लिम कितने?
कांग्रेस ने मौजूदा चुनाव में छह मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। इनमें सूरत पूर्व से असलम साइकिलवाला, वांकानेर से मोहम्मद जावेद पीरजादा, अबडास सीट से ममदभाई जुंग जत, वागरा से सुलेमान पटेल, दरियापुर सीट से ग्यासुद्दीन शेख, जमालपुर खडिय़ा से इमरान खेड़ावाला को टिकट दिया था। आम आदमी पार्टी ने तीन मुस्लिम चेहरों को अपना उम्मीदवार बनाया था। दरियापुर से ताज कुरैशी, जंबसुर से साजिद रेहान और जमालपुर खेडिय़ा से हारुन नागोरी को टिकट दिया था। वहीं, भाजपा ने किसी भी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया था।
किन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का असर?
2011 की जनगणना के मुताबिक गुजरात में कुल मुस्लिम आबादी करीब 10 फीसदी है। भुज और भरूच जिलों में मुस्लिमों की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा है। अहमदाबाद में वेजलपुर, दरियापुर, जमालपुर खाडिय़ा और दानीलिमड़ा जैसी सीटों पर मुस्लिम निर्णायक भूमिका में रहते हैं। कुल 20 सीटें ऐसी थीं, जहां मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 20 फीसदी से ज्यादा थी। इनमें से चार अहमदाबाद, तीन-तीन सीटें भुज और भरूच जिले में थीं। जमालपुर खडिय़ा गुजरात की इकलौती सीट थी, जहां मुस्लिम मतदाता 50 फीसदी से भी ज्यादा थे। इसके अलावा दाणिलिमड़ा में 48 प्रतिशत, दरियापुर में 46 प्रतिशत, वागरा में 44 प्रतिशत, भरूच में 38 प्रतिशत, वेजलपुर में 35 प्रतिशत, भुज में 35 प्रतिशत, जंबुसर में 31 प्रतिशत बापूनगर में 28 प्रतिशत और लिंबायत में 26 फीसदी मुस्लिम वोटर थे।
इन 10 सीटों पर पिछले नतीजे
2017 में इन 10 सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली सीटों में से पांच सीटें भाजपा और पांच सीटें कांग्रेस को मिलीं थीं। 2012 की बात करें तो इन 10 में से आठ सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस को महज दो सीटों से संतोष करना पड़ा था।
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