
चीन की सेना अब तिब्बती क्षेत्र के रहने वाले युवाओं को सेना में भर्ती कर उन्हें ट्रेनिंग दे रही है। इनकी ट्रेनिंग भी भारत से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के करीब करवाई जा रही है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि तिब्बतियों के भर्ती टेस्ट में सबसे पहले उनकी वफादारी परखी जा रही है।
इसके अलावा चीनी भाषा को सीखना, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को सर्वोच्च मानना अनिवार्य किया गया है। इन युवाओं से कहा गया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नियमों को सबसे ऊपर मानें, फिर चाहे वो उनके दलाई लामा ही क्यों ना हों।
सूत्रों का कहना है कि चीन ने इसी साल जनवरी-फरवरी में इस क्षेत्र के युवाओं को भर्ती करना शुरू कर दिया था। चीन को लगता है कि ऐसा करने से तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में सेना की स्थानीय युवाओं के बीच अधिक स्वीकार्यता बढ़ेगी और साथ ही लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात चीनी सैनिक, जो यहां के मौसम में खुद को ढाल नहीं पाते, उनका दबाव भी कम होगा।

बता दें चीन अपने उत्तर-पश्चिम इलाके के रेगिस्तान में 119 नए अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल साइलो भी बना रहा है। दो सैटेलाइट तस्वीरें से इसकी पुष्टि हुई है। साइलो एक लंबा, गहरा और सिलेंडर जैसा गड्ढा होता है, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइलें रखी जाती हैं।