पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी का रेलवे पर निशाना- कहा बिना जानकारी मुंंबई से भेज दीं 36 ट्रेन

ममता बनर्जी, Mamata Banerjee
ममता बनर्जी, Mamata Banerjee

पश्चिम बंगाल में अभी भी ट्रेनों के परिचालन पर शायद बात नहीं बन पाई है, यही कारण है कि ट्रेनों को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार और महाराष्ट्र सरकार में लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अभी भी ट्रेनों के परिचालन पर शायद बात नहीं बन पाई है, यही कारण है कि ट्रेनों को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार और महाराष्ट्र सरकार में लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। लॉकडाउन के चौथे चरण में श्रमिकों और ट्रेनों को लेकर केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना महामारी की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन में ढील के बाद पूरे देश में ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है।

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हालांकि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में अभी भी ट्रेनों के परिचालन पर शायद बात नहीं बन पाई है, यही कारण है कि ट्रेनों को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार और महाराष्ट्र सरकार में लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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पश्चिम बंगाल में अभी भी ट्रेनों के परिचालन पर शायद बात नहीं बन पाई है

ताजा मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को रेल मंत्रालय पर आरोप लगाया। ममता ने कहा, हमारी जानकारी के बिना, 36 ट्रेनें मुंबई से आ रही हैं। मैंने महाराष्ट्र के साथ बात की, उन्हें भी सूचना देर से मिली।

पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय रेल मंत्री के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

रेलवे अपने दम पर इसकी योजना बना रहा है। ममता ने अम्फान तूफान का हवाला देते हुए कहा, बंगाल इस वक्त तूफान की तबाही से जूझ रहा है और रेलवे हर दिन श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भेज रहा है। इससे कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होगी। ममता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आगे कहा, वे मुझे राजनीतिक रूप से परेशान कर सकते हैं, वे राज्य को नुकसान यों पहुंचा रहे हैं।

सामना से राज्यपाल पर शिवसेना का निशाना
महाराष्ट्र के इस सियासी ड्रामे का असर शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय पर भी देखने को मिला। सामना में लिखा गया कि राजभवन में पिछले कुछ दिनों से लोगों का आना-जाना लगा है ऐसे में राज्यपाल का या दोष? वो तो सीधे-साधे, सरल और संघ के विचारों का झंडा पूरे जीवन अपने कंधों पर रखकर चलने वाले संत महात्मा हैं। मीडिया पर भी निशाना साधा गया है, संपादकीय में आगे लिखा गया है कि भक्तगण मीडिया राज्य की राजनीति में कुछ हलचल है, ऐसा कह रहे हैं। शरद पवार के मातोश्री जाने पर इतना हंगामा क्यों?