
जयपुर ।
मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) से ‘ए प्लस’ एक्रेडिटेशन प्राप्त करने वाली राजस्थान की प्रथम यूनिवर्सिटी बन गई है। इसके साथ ही एमयूजे देश में यह रेटिंग हासिल करने वाली दो प्राइवेट स्टेट यूनिवर्सिटीज में भी शामिल हो गई है। एमयूजे के प्रेसीडेंट प्रो. जी. के. प्रभु ने यह जानकारी दी।
प्रो. प्रभु ने आगे बताया कि एमयूजे ने एक्रेडिटेशन के लिए नैक की नवीन गाइडलाइन के तहत आवेदन किया था इसमें यूनिवर्सिटी ने 4 में से कुल 3.28 स्कोर प्राप्त किये। इसका मूल्यांकन दो भागों में था। प्रथम भाग क्वांटेटिव, जिसका 70 फीसदी वेटेज था और दूसरा भाग नैक पीयर टीम की विजिट, जिसका वेटेज 30 प्रतिशत था।
इस एक्रेडिटेशन से अब यूजीसी की अनुमति के बिना नए ऐकडेमिक कोर्स अथवा प्रोग्राम के अतिरिक्त डिपार्टमेंट अथवा सेंटर शुरू कर सकेगी, जो इसके मौजूदा शैक्षणिक फ्रैमवर्क का हिस्सा होंगे। यूनिवर्सिटी यूजीसी की अनुमति के बिना नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत स्किल कोर्स शुरू कर सकती है। एमयूजे अब स्वदेशी विद्यार्थियों की स्वीकृत संख्या के अतिरिक्त मेरिट के आधार पर अधिकतम 20 प्रतिशत तक विदेशी छात्रों को भी प्रवेश दे सकेगी।

इस अवसर पर एमयूजे के प्रो-प्रेसीडेंट, डॉ. एन. एन. शर्मा ने कहा कि यह राजस्थान में उच्च शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। पाठ्यक्रम पहलुओं के मापदंडों पर एमयूजे ने बेहतरीन 4.0 स्कोर प्राप्त किया है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एमयूजे अपने सभी स्टेकहोल्डस को शामिल करके पाठ्यक्रम तैयार करता है और यह सुनिश्चित करता है कि ये पाठ्यक्रम रोजगार, उद्यमशीलता व कौशल विकास पर केंद्रित हो। अपने सभी प्रोग्राम्स के सिलेबस को रिवाइज व अपडेट करने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा विभिन्न स्टेकहोल्डर्स का करिकुलम कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है।
एमयूजे के क्वालिटी एश्योरेंस के डायरेक्टर, प्रो. राजेश सोलंकी ने कहा कि एमयूजे गुणवत्ता के सिद्धांतों पर विकसित हुआ है। नैक की नई गाइडलाइंस के तहत यह मूल्यांकन सिर्फ मात्रात्मक रूप से किया गया है, जबकि पहले यह मूल्यांकन सिर्फ गुणात्मक रूप से किया जाता था। मात्रात्मक स्कोर के पैमाने पर एमयूजे ने 3.19 स्कोर प्राप्त किया। जबकि, यूनिवर्सिटी की विजिट करने वाली नैक पीयर टीम ने इसे 3.53 का स्कोर दिया। इस संयुक्त स्कोर के साथ यूनिवर्सिटी को ‘ए प्लस’ ग्रेड दिया गया।
एमयूजे के रजिस्ट्रार, डॉ. एच. रविशंकर कामथ ने कहा कि एक्रेडिटेशन की यह प्रक्रिया काफी सख्त होती है। यूनिवर्सिटी इसके आवेदन पर गत दो वर्षों से कार्य कर रही है और नैक को गत 5 वर्षों का रिकॉर्ड प्रदान किया गया। यूनिवर्सिटी की टीम ने संपूर्ण प्रक्रिया को अत्यंत सावधानीपूर्वक पूरा किया। यह बहुत गर्व की बात है कि अब एमयूजे ‘ए प्लस’ नैक एक्रेडिटेशन प्राप्त करने वाली राजस्थान की प्रथम यूनिवर्सिटी है।
इस अवसर पर एमयूजे के डायरेक्टर, एडमिशंस, डॉ. आर. के. गुप्ता ने कहा कि ‘ए प्लस’ नैक एक्रेडिटेशन का यूनिवर्सिटी के एडमिशंस पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।