नेपाल की संसद ने विवादित नक्शे को दी मंजूरी

Nepal Parliament
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भारत के तीन इलाकों को अपना दिखाया

विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास

संसद में बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े

भारत बोला- नेपाल का दावा जायज नही

नई दिल्ली। नेपाल की संसद ने भारत के कुछ इलाकों को अपना बताने के लिए नक्शे में बदलाव से जुड़ा बिल शनिवार को पास कर दिया। यह बिल संविधान में बदलाव करने के लिए लाया गया था। बिल नेपाल की कानून मंत्री डॉ. शिवमाया तुम्बाड ने प्रतिनिधि सभा (संसद के निचले सदन) में पेश किया था। इसके सपोर्ट में 258 वोट पड़े। विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमने गौर किया है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा नक्शे में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक पारित किया है ताकि वे कुछ भारतीय क्षेत्रों को अपने देश में दिखा सकें। हालांकि, हमने इस बारे में पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी है। यह ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। ऐसे में उनका दावा जायज नहीं है। यह सीमा विवाद पर होने वाली बातचीत के हमारे मौजूदा समझौते का उल्लंघन भी है।

नेपाल की कानून मंत्री डॉ. शिवमाया तुम्बाड ने प्रतिनिधि सभा में बिल पेश किया था। इसके सपोर्ट में 258 वोट पड़े। विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।

18 मई को जारी किया था नया नक्शा
नेपाल ने 18 मई को एक नया न शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था। इस कदम से भारत और नेपाल की दोस्ती में दरार आनी शुरू हो गई। भारत ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया लेकिन नेपाल अब इस नक्शे पर अड़ गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध क ज़े का आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि वो अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे। 11 जून को नेपाल की कैबिनेट ने 9 लोगों की एक कमिटी का गठन किया है। जिस ज़मीन पर नेपाल इतने दिनों से दावा कर रहा है और भारत के साथ विवाद खड़ा कर रहा है। उस ज़मीन पर अपने अधिकार का नेपाल के पास कोई प्रमाण ही नहीं है।

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सांसद ने किया था विरोध
इस बिल के खिलाफ नेपाल में जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी विरोध दर्ज करा चुकी हैं। उन्होंने संशोधन बिल को वापस लेने और पुराने न शे को बहाल करने की मांग की थी। सरिता गिरी ने पहले वाले न शे को बहाल करने के लिए बिल में संशोधन करने के लिए प्रस्ताव दिया था जिसे स्पीकर अग्नि प्रसाद सपकोटा ने अनुच्छेद 112 के तहत संशोधन को अस्वीकार कर दिया। अनुच्छेद 112 स्पीकर को संशोधन को अस्वीकार करने की शक्ति देता है। बाद में सांसद सरिता गिरि के घर पर भी हमला हुआ। उनके घर पर काला झंडा लगाकार देश छोडऩे की चेतावनी दी गई।