
आयुर्वेद का केरल जीवन शैली में गहरा प्रभाव और मजबूत स्वास्थ्य ढांचे के कारण कोरोना के विरुद्ध जंग में कमाल दिखा रहा है केरल
नई दिल्ली। केरल की जीवन शैली में आयुर्वेद का गहरा प्रभाव होने और मज़बूत स्वास्थ्य ढाँचे के कारण कोरोना के विरुद्ध जंग में कमाल दिखा रहा हैं केरल । आज यह दक्षिणी राज्य देश का मॉडल प्रदेश बन कर उभरा है । जहाँ रिकवरी का प्रतिशत देश में सबसे अधिक 93.24 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 38.71 है। यह कहना है केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और कोविड के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के ओवरऑल इंचार्ज डॉ.विश्वास मेहता का ।
वैश्विक महामारी के बीच केरल इन दिनों कोरोना वायरस (कोविड-19) के विरुद्ध मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में लड़ी जा रही जंग के लिए चर्चा में है। इसमें डॉ.विश्वास मेहता भी अपनी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं ।
डॉ.मेहता राजस्थान के उदयपुर संभाग के डूंगरपुर नगर के मूल निवासी है। वे भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं केरल के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव रहते हुए स्वाइन फ़्लू और इबोला आदि बीमारियों के विरुद्ध भी सफलता पूर्वक जंग लड़ चुके है। उन्होंने एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि केरल के लोग सदियों से गर्म पानी ही पीते हैं, वॉटर कूलर अथवा फ्रीज़ का पानी नहीं।
आयुर्वेद का केरल की जीवन शैली में गहरा प्रभाव होने और मज़बूत स्वास्थ्य ढाँचे के कारण कोरोना के विरुद्ध जंग में कमाल दिखा रहा हैं
यदि आपको दिल्ली में कभी केरल हाऊस में मेहमान बनने का मौका मिले तो आपको हॉटपोट में जीरा मिला गर्म पानी का स्वाद चखने को मिल सकता है। मेहता बताते हैं कि केरलवासियों के खान पान में प्रयुक्त होने वाले मसालों में भी आयुर्वेद और प्राकृतिक शैली की छाप झलकती दिखती है। वैसे भी कऱीब शत प्रतिशत शिक्षित केरल राज्य के आम जन और जन जीवन में आयुर्वेद रची बसी हुई है । यहाँ आयुर्वेद को जीवन पद्धति का हिस्सा बनाये रखना हर व्यक्ति की जीवनचर्या का अभिन्न अंग है।
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केरल अपने मसालों और आयुर्वेद थेरेपी के कारण न केवल देश में वरन पूरे विश्व में मशहूर है। मेडिकल पर्यटन के लिए राज्य को बड़ा राजस्व भी अर्जित होता रहा है। केरल सदियों से अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी प्रसिद्ध है । बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि वहाँ देश का सबसे पहला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कऱीब एक सौ वर्ष पहले ही खुल गया था।
आयुर्वेद थेरेपी और अपने मसालों के कारण केरल न केवल देश में वरन पूरे विश्व में मशहूर है।
भारत सरकार ने जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम शुरू किया था तब केरल में सभी आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएँ मौजूद थी जिनके लिए यह कार्यक्रम बना था। राज्य को इन्हें सुदृढ़ बनाए रखने के लिए केन्द्र से नियमों में शिथिलता बरत मदद करने का आग्रह करना पड़ा था और इसी मज़बूत ढांचे के बलबूते केरल हर आपदा का मुक़ाबला कर रहा है।
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केरल में कोरोना के ख़िलाफ़ जंग लडऩे के मुख्य सूत्रधारों में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ स्वास्थ्य मंत्री के के शैलाजा, मुख्य सचिव टॉम जॉस और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव डॉ.राजन एन खोबरागड़ आदि की टीम के अलावा अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ़ से लेकर पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास (जोईंट एफ़र्ट्स) अपने समर्पण और मेहनत के रंग दिखा रहे हैं ।
केरल राज्य से ही भारत में कोरोना वायरस का सबसे पहला केस देश के सामने आया था
भारत में कोरोना वायरस का सबसे पहला केस नए वर्ष जनवरी 2020 के प्रारम्भ में केरल राज्य से ही देश के सामने आया था । यहां के कुछ मेडिकल छात्र कोरोना ग्रस्त चीन के वुहान शहर से स्वदेश लौटे थे और उनमें इस वायरस के पॉजिटिव लक्षण पाए गए थे ढ्ढ इसकी जानकारी मिलते ही भारत सरकार के साथ-साथ केरल सरकार तुरंत हरकत में आई और संक्रमित छात्रों को सामाजिक रूप से अलग थलग रख यानि क्वारंटाइन कर तत्काल उनका इलाज शुरू किया गया ढ्ढ इसके परिणाम अच्छे रहे और कुछ दिनों बाद स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई।
केरल में कोरोना से दो लोगों की मृत्यु होने के बाद तो राज्य सरकार ने कोरोना पर विजय पाने के लिए कमर ही कस ली और इस जंग में जीत कर निकलने के लिए हर सम्भव उपाय अपनायें।
केरल में कोरोना से दो लोगों की मृत्यु होने के बाद तो राज्य सरकार ने कोरोना पर विजय पाने के लिए हर सम्भव उपाय अपनायें।
केरल के मुख्यमन्त्री विजयन के नेतृत्व में केरल सरकार और प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए संक्रमण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया और रोगियों की सं या पर अंकुश लगाया । साथ ही मरने वाले लोगों की सं या भी चार से अधिक नहीं बढऩे देने में सफलता हासिल की है।
केरल की विपदाओं से निपटने की रणनीति अन्य प्रदेशों के लिए एक आदर्श उदाहरण बन गई हैं। केरल में कोरोना के विरुद्ध जंग लड़ रहे प्रमुख योद्धाओं में शामिल डॉ विश्वास मेहता राज्य सरकार द्वारा गठित चार आपात समूहों के कार्यों का सुपरवीजन करते हुए रोज़ अपने सत्रह अठारह घण्टे के काम की रिपोर्ट सीधे ही मु यमंत्री को देते है। उनका कहना है कि मु यमन्त्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में राज्य सरकार की ज़बरदस्त रणनीति के कारण ही आज केरल देश में एक मॉडल राज्य माना जा रहा है।
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उनका कहना है कि विपरीत परिस्थितियों में यदि आपकी सरकार और प्रशासन की ठोस रणनीति, बेहतर सूझबूझ, सटीक पूर्वानुमान, श्रेष्ठ कार्य योजना (विशेषकर माइक्रो लेवल प्लानिंग ) तथा जमीनी स्तर पर टीम की तत्परता एवं कार्य कुशलता और कुशल प्रबंधन को धरातल पर उतारा जावे तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो सकती हैं ढ्ढ केरल सरकार इस मूल मन्त्र के साथ काम कर रही है।
केरल द्वारा अपनाई गई इस रणनीति में लोगों की समग्र निगरानी (स्ट्रेट सर्विलांस) और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के कार्य प्रमुख रहे।
लॉक डाउन के पहले से ही केरल द्वारा अपनाई गई इस रणनीति में लोगों की समग्र निगरानी (स्ट्रेट सर्विलांस) और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के कार्य प्रमुख रहे । वे बताते है कि हमने उभरती परिस्थितियों में 1.72 लाख लोगों को कोविड के लिए निगरानी में रखा और हमारे स्वास्थ्य एवं पंचायत कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों ने दैनिक आधार पर व्यापक एवं सतत संपर्क किया और देखा कि कोरोना का लक्षण किसी भी व्यक्ति को संक्रमित तो नहीं कर रहा? इसका परिणाम रहा कि आज निगरानी में रखे जाने वाले लोगों की सं या घट कर 48,825 रह गई है । ऐसा तभी स भव हो पाया जब प्रदेश में 14 दिन के क्वारंटाइन का स ती से पालन किया गया।