ट्रांसपोर्टर्स की व्यावहारिक समस्याओं का रखेंगे ध्यान: परिवहन मंत्री

Transporters Unions meeting with Khachariwas
Transporters Unions meeting with Khachariwas

जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को परिवहन भवन में विभिन्न ट्रांसपोर्ट यूनियन की बैठक लेकर उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इंस्पेक्टर राज के खिलाफ है और ट्रांसपोर्टर्स की विभिन्न मांगों एवं कोरोना के कारण व्यवसाय को आ रही समस्याओं के व्यावहारिक समाधान के प्रयास किए जाएंगे। खाचरियावास ने कहा कि कोरोना के कारण ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय भी मंदी से गुजर रहा है।

इसीलिए राज्य सरकार द्वारा करों में छूट प्रदान की गई है। परिवहन विभाग राजस्व संग्रह का विभाग है लेकिन सड़कों पर इन्स्पेक्टर राज नजर नही आएगा और अव्यावहारिक चालान नही किये जायेंगे। वे जल्द ही परिवहन अधिकारियों की मीटिंग एवम वी सी लेकर इस संबंध में निर्देशित भी करेंगी। खाचरियावास के साथ बैठक के बाद सभी ट्रांस्पोर्टर्स यूनियनों ने अपनी चक्का जाम हड़ताल वापस ले ली है।

ट्रांसपोर्टर्स इस बात को लेकर नाराज थे कि विभाग के इंस्पेक्टर्स बहुत ज्यादा चालान कर रहे हैं

परिवहन मंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स इस बात को लेकर नाराज थे कि विभाग के इंस्पेक्टर्स बहुत ज्यादा चालान कर रहे हैं। नए मोटर व्हीकल एक्ट में कई चालान में जुर्माना अत्यधिक बढ चुका है और कई मामलों में अव्यावहारिक भी हो चुका है। श्री खाचरियावास ने कहा कि उन्होने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि कोरोना संकट में लोगों की परेशानी बहुत ज्यादा है और राज्य सरकार इंस्पेक्टर राज के खिलाफ है।

यह भी पढ़ें- प्रताप सिंह खाचरियावास ने सेवा को समर्पित किया जन्मदिन, गायों को गुढ़ और चारा खिलाया

इसलिए अधिकारी भी विभाग और सरकार की मंशा समझें। यह भी ठीक है कि परिवहन विभाग एक राजस्व संग्रहण करने वाला विभाग है। इसलिए नियमानुसार टेक्स जरूर लिया जाए लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी, पुलिस के अधिकारी ध्यान रखें कि कोरोना संकट का समय है और बेवजह एवं अव्यावहारिकता के कारण से ट्रक ऑपरेटर्स एवं अन्य ट्रांसपोर्टर्स, कार टेक्सी वालों को परेशान नहीं होना पडे़।

परिवहन मंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स नए मोटर व्हीकल एक्ट में बढी जुर्माना राशि को लेकर भी आन्दोलित हैं। परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश मंभ संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट काफी देर से लागू किया गया। 
यह कानून केन्द्र सरकार लेकर आई। एक वर्ष तक राज्य सरकार ने इसे रोके रखा। राज्य सरकार को इसके लिए केन्द्र से नोटिस भी मिला और अंत में बड़ी मजबूरी में इसे लागू करना पड़ा है।

इसके अन्तर्गत भी जो राहत राज्य सरकार दे सकती थी, देने के प्रयास किए गए। फिर भी अगर कोई और राहत दी जा सकती है तो ट्रांसपोर्ट यूनियनों के प्रतिनिधियों को सुझाव देने को कहा गया है। बैठक में परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव श्री रवि जैन, सभी अपर परिवहन आयुक्त, राज्य सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री राजेश सिंह एवं ट्रांसपोर्टर्स यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।