आयुर्वेद विवि द्वारा कोरोना से बचाव व उपचार पर चार रिसर्च के परिणाम सकारात्मक: प्रो. अभिमन्यु कुमार

Pro. Abhimanyu Kumar
Pro. Abhimanyu Kumar

पॉजिटिव मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम जून के अन्त तक

जोधपुर। देश के कुल चार आयुर्वेद विवि में जामनगर के बाद जिस दूसरे आयुर्वेद विवि की स्थापना जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रथम कार्यकाल के दौरान 2002 में हुुुई, वही सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय वर्तमान कोरोना संकट में इससे बचाव व उपचार के लिये भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत चार रिसर्च प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है जिसके प्रारंभिक परिणाम सकारात्मक आये हैं।

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय कोरोना संकट में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत चार रिसर्च प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है

कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने एक साक्षात्कार में बताया कि विवि के चारों रिसर्च मुख्यमंत्री एथिक्स कमेटी से एप्रूवल तथा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में सेंट्रल क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री CTRI में विधिवत पंजीकृत के बाद शुरू किये गये । तीन रिसर्च प्रोजेक्ट कोरोना वारियर्स, कंटेनमेन्ट जोन के नागरिकों व आम जन पर क्लिनिकल ट्रायल में सफल रहे हैं।

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कुलपति प्रो कुमार ने बताया कि चौथा रिसर्च प्रोजेक्ट पॉजिटिव कोरोना मरीज पर कलीनिकल ट्रायल से जुड़ा है जो अभी पूरा नही हुआ है, यह रिसर्च 10 दिन पूर्व ही पंजीकृत के बाद शुरू किया गया है जो प्रगति पर है।

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एक और रिसर्च प्रोजेक्ट संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये तथा प्र्थकृत किये गये परिजन को आयुष मंत्रालय की एडवाइजऱी अनुसार दी जाने वाली औषध-आहार व्यवस्था से जुड़ा है जिस पर शोध कार्य अति शीघ्र शुरू किया जा रहा है। कुलपति ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता महत्वपूर्ण है।

विवि ने इ युनिटी किट और काढ़े का उपयोग जिन आम लोगों व कन्टेनमेन्ट जोन के लोगों को दिया, वे संक्रमित होने से बचे रहे । वारेंटाइन सेंटर में पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने वाले क्वारेंटाइन मरीजों को भी शोध में शामिल किया। इन पर भी दवा के अच्छे परिणाम सामने आए। कोरोना वॉरियर्स पर इम्यूनिटी किट अनुसार औषध दी गई ।

कोरोना मरीजों के बीच काम कर रहे ए स व मैडिकल कॉलेज के चिकित्सकों व कार्मिकों को दी गई औषध से वे संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रहे। बोरानाडा कोविड सेंटर में लक्षण रहित 40 पॉजिटिव मरीजों पर उपचार के रूप में गिलोय घन वटी (22) भोजन के बाद दो बार देकर अध्ययन किया जा रहा है जो प्रगति पर है । इस माह के अन्त तक इसके परिणाम प्राप्त होने हैं।

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किन्तु संक्रमितों में इसके प्रारंभिक परिणाम बहुत अच्छे आए हैं। विवि अभी पूरे जून माह तक ट्रायल करना चाहता है। लक्षण वाले मरीजों को यह दवा दी जा रही है, ताकि वो ऑ सीजन या वेंटिलेटर तक ना पहुंचें। इनके ठीक होने के बाद अर्थात् डिस्चार्ज होने के बाद भी कुल 30 दिन तक मॉनिटरिंग की जायेगी ।