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8927. मांगै तो मर जाय

देख जियै पण दै न कछु, कौडी खरच न खाय। जाचक देख्यां जळ मरै, मांगै तो मर जाय।। जो धन को देखकर जीता है, लेकिन...

8926. काम काढ लै आपणो

बातां बडी बणाय, काम काढ लै आपणो। सुळगतड़ी सुळगाय, हंसता बैठे ओट में।। जो दुर्जन होते हैं वे बडी बडी बातें बनाकर अपना काम कर...

8925. जद गुण को गाहक मिलै

जद गुण को गाहक मिलै, हीरो लाख बिकाय। जद गुण को गाहक नहीं, कौडी बदळै जाय।। जब गुण का ग्राहक मिलता है तो हीरा लाखों...

8924. सकल सुधारै काम

ज्यां घट बहुळी बुध बसै, रीत-नीत परिणाम। घड़ भांजै, भांजै घडै़, सकल सुधारै काम।। जिनके भीतर रीति-नीति के परिणाम वाली बुद्धि बहुतायत से रहती हो,...

8923. पर-संपत देखै जरां

मानै कर निज मीच, पर-संपत देखै जरां। निपट दुखी ह्वै नीच, रीसां बळ-बळ राजिया।। जो निम्न व्यक्ति होता है, वह जब दूसरों के पास...

8922. साचो मिंतर जद मिलै

साचो मिंतर जद मिलै, अंतर गीलो होय। तिण ठंडक रै कारणै, नैण सलूणा होय।। जब किसी को सच्चा मित्र मिलता है, तो हृदय आद्र्र हो...

8921. बंधी बुहारी लाख की

कागो तो लाखां बिकै, कोठी बिकै करोड़। बंधी बुहारी लाख की, खुल्लियां पाछै और।। कौआ तो लाखों रूपये में बिकता है, लेकिन कोठी करोड़...

8920. काग भया परधान

उड हंसा सरवर गया, काग भया परधान। जा विप्पर घर आपणै, सिंध किसका जजमान।। हे ब्राहृाण। हंस तो उड़कर मानसरोवर चला गया है...

8919. पानी बह मुलतान गियाह

पहली तो चेती नहीं, मेहंदी रंग कियाह। उण प्यारी का पीव नहिं, पाणी बह मुलतान गियाह।। हे पगली। तू पहले तो सावधान रही नही...

8916. मिलै चकाचक चूरमो

मिलै चकाचक चूरमो, साथी आवै सौ।चिणा चाबता देखकर, छिन घूमंतर हो।। जब खाने को चकाचक चूरमा मिलता है, तो दौड़े-दौड़े सौ दोस्त चले...